यदि 14-18 साल के बच्चे दूसरी कक्षा की किताब भी धाराप्रवाह नहीं पढ़ सकते और तीसरी या चौथी कक्षा के भागफल वाले गणित के सवाल नहीं कर सकते तो शिक्षा की स्थिति का अंदाज़ा लगाना ज़्यादा मुश्किल काम नहीं है। वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट यानी 'असर' के आँकड़े जारी हुए हैं और इसमें शिक्षा की बेहद ख़राब स्थिति सामने आई है।