यदि कोरोना मरीज़ ज़्यादा बढ़ जाएँ तो अस्पताल बेड, आइसोलेशन वार्ड, वेंटिलेटर कम पड़ने पर इसकी व्यवस्था महीने या एक साल में कर ली जा सकती है, लेकिन डॉक्टर और नर्स कम पड़ जाएँ तो क्या होगा? देश के अधिकतर राज्यों से बेहतर स्थिति होने के बावजूद महाराष्ट्र को स्थिति संभालने के लिए केरल से डॉक्टर और नर्स बुलाने पड़े। महाराष्ट्र में ऐसे हालात तब बने जब राज्य में विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के अनुसार डॉक्टर उपलब्ध हैं। लेकिन उन राज्यों का क्या होगा जहाँ डॉक्टरों और नर्सों की भारी कमी है और जहाँ जल्द ही कोरोना संक्रमण तेज़ी से फैलने वाला है।
कोरोना: राज्यों के सामने नया संकट, जल्द हो सकती है डॉक्टर-नर्स की कमी
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- 3 Jun, 2020
कोरोना मरीज़ बढ़े तो अस्पताल बेड, आइसोलेशन वार्ड, वेंटिलेटर कम पड़ने पर इसकी व्यवस्था महीने या एक साल में कर ली जा सकती है, लेकिन डॉक्टर, नर्स कम पड़ जाएँ तो क्या होगा?

कई राज्यों के लिए यह समस्या बड़ी होने वाली है। देश में फ़िलहाल कोरोना के मामले काफ़ी तेज़ी से बढ़ रहे हैं और यह संख्या 2 लाख के पार हो गई है। कई रिपोर्टों में कहा गया है कि जून और जुलाई महीने में कोरोना के मामले उफान पर होंगे। फ़िलहाल महाराष्ट्र में हालात ख़राब हैं। राज्य में अब तक संक्रमण के मामले 70 हज़ार से ज़्यादा हो गए हैं, लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि फ़िलहाल 37 हज़ार 543 लोग ही संक्रमित हैं और बाक़ी के लोग ठीक हो चुके हैं। महाराष्ट्र ने केरल सरकार को 23 मई को डॉक्टरों और नर्सों के लिए पत्र लिखा था। तब 21 मई तक पूरे देश भर में क़रीब 60 हज़ार ही एक्टिव केस थे।