किसान फिर से दिल्ली आ रहे हैं। दिल्ली घुसने से पहले बॉर्डर पर वही माहौल है। कंटीले तार हैं। रोड पर कीलें गाड़ी गई हैं। भारी-भरकम बैरिकेड्स लगाए गए हैं। सड़कों पर गड्ढे खोदे गए हैं। भारी पुलिस बल तैनात है। आँसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। नवंबर 2020 में भी ऐसा ही नज़ारा था। हर मुमकीन कोशिश की गई थी कि उन्हें दिल्ली में घुसने से रोका जाए। सरकार का कहना था कि क़ानून व्यवस्था का मुद्दा होगा और किसान कह रहे थे कि वे अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीक़े से प्रदर्शन करना चाहते हैं। दोनों में से कोई पीछे नहीं हटा। सरकार मांगें नहीं मान रही थी तो किसान वहीं पर बैठ गए थे। साल भर तक प्रदर्शन चला। सरकार ने आख़िरकार कुछ मांगें मानीं, लेकिन कुछ पर आश्वासन दिया था।
किसानों ने 2020 में भी किया था दिल्ली में प्रदर्शन, जानें क्या हासिल हुआ
- देश
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- 13 Feb, 2024
पंजाब और हरियाणा के किसानों का दिल्ली की ओर कूच चार साल पहले उनके प्रदर्शन को याद दिलाता है। जानिए, चार साल पहले किसलिए प्रदर्शन हुआ था और क्या हासिल हुआ था।

2020 में किसानों का प्रदर्शन।
तो क्या अब उन्हीं मांगों को लेकर किसान फिर से दिल्ली आ रहे हैं? क्या वे पिछली बार की तरह ही डटे रहने वाला हैं? इन सवालों के जवाब से पहले यह जान लें कि पिछले किसान आंदोलन में क्या-क्या हुआ था और किन वजहों से उन्होंने प्रदर्शन किया था।