बोलने की आज़ादी पर अंकुश लगाने और असहमति की आवाज़ को देश के ख़िलाफ़ बताने की कोशिशों के बीच लोकतांत्रिक देशों की सूची में भारत फिसल गया है। अमेरिकी सरकार के एक एनजीओ फ्रीडम हाउस ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में कुछ गंभीर बातों का जिक्र किया है।
भारत पहले से कम लोकतांत्रिक, आज़ादी घटी: रिपोर्ट
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- 4 Mar, 2021
एनजीओ ने रिपोर्ट में कहा है कि 2014 के बाद से ही भारत में राजनीतिक अधिकारों और लोगों की आज़ादी के मामले में स्थिति ख़राब हुई है।
‘2021 में विश्व में आज़ादी- लोकतंत्र की घेरेबंदी’ शीर्षक से जारी की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि भारत ने वैश्विक लोकतांत्रिक नेता के रूप में नेतृत्व करने की क्षमता को त्याग दिया है और भारत के इस सूची में नीचे जाने से दुनिया भर के लोकतांत्रिक मापदंडों पर ख़राब असर हो सकता है। भारत की ओर से अभी तक इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
यह एनजीओ दुनिया भर के देशों में आज़ादी का क्या स्तर है, इसकी पड़ताल करता है और इसके बाद इन्हें ‘आज़ाद’, ‘आंशिक आज़ाद’ और ‘आज़ाद नहीं’ की रैंक देता है।