कांग्रेस समेत विपक्ष के तमाम नेताओं से सहमति जताते हुए बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी 1 जुलाई से लागू होने वाले तीन नए आपराधिक कानूनों का विरोध किया है। नए कानूनों में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम पुराने आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे। हालांकि इन नए कानूनों को लेकर पूरे देश में कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है। तमाम वकीलों को नए कानूनों के बारे में जानकारी नहीं है। उनका कहना है कि इन्हें पढ़ने और समझने में समय लगेगा। लेकिन विपक्ष के विरोध की वजह कुछ और है। उसका कहना है कि नए कानून बेहद सख्त हैं। उनसे लोगों की व्यक्तिगत आजादी से लेकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तक खतरे में पड़ जाएगी।
नए आपराधिक कानूनः कितना विरोध कर पाएगा विपक्ष और देश की जनता?
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- 29 Mar, 2025
रिटायर्ड नौकरशाहों से लेकर तमिलनाडु के सीएम स्टालिन, बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने पीएम मोदी से आग्रह किया है कि तीनों नए आपराधिक कानूनों को लागू नहीं किया जाए। बहुत जरूरी है तो नए कानूनों को फिर से संसद से पारित किया जाना चाहिए। नए आपराधिक कानून 1 जुलाई से लागू होने वाले हैं। इसके बाद देश में अभिव्यक्ति की आजादी से लेकर आंदोलन के अधिकार तक इन कानूनों से प्रभावित होने वाले हैं। राजनीतिक दल इनके खिलाफ सड़कों पर नहीं उतरे, चुनाव में मुद्दा नहीं बनाया, ऐसे में जनता से क्या उम्मीद की जाए। जानिए पूरा मामलाः
