प्याज आम आदमी को ही नहीं, सरकारों को भी रुलाता रहा है। अब फिर से प्याज की क़ीमतें कई राज्यों में 80 रुपये प्रति किलो तक पहुँच गई हैं। आम लोगों के ‘आँसू’ निकल रहे हैं। लेकिन सत्ताधारी पार्टी का क्या हाल है? क़रीब-क़रीब हर भोजन में पड़ने वाला प्याज हर आदमी को प्रभावित करता है, इसलिए इसके दाम बढ़ने से सरकारें भी ख़ौफ़ खाती हैं। चुनावों के समय जब-जब प्याज के दाम बढ़े हैं, सरकारें मुश्किल में आ गई हैं और कई बार तो गिर भी गई हैं। अब फिर महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव हैं। इसके बाद कई और राज्यों में भी चुनाव होंगे। अभी जिस तरह की रिपोर्टें हैं उनसे क़रीब एक महीने तक तो प्याज के दाम कम होने के आसार नहीं हैं। यानी चुनाव तक शायद क़ीमतें कम न हों।
प्याज आम आदमी को ही नहीं, सरकार को भी रुलाएगा!
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- 24 Sep, 2019
प्याज आम आदमी को ही नहीं, सरकारों को भी रुलाता रहा है। अब फिर से प्याज की क़ीमतें कई राज्यों में 80 रुपये प्रति किलो तक पहुँच गई हैं।
