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विदेश में राहुल फिर बोले- 'भारत में लोकतांत्रिक संस्थानों पर हमला'

बीजेपी लगातार राहुल गांधी पर विदेशी धरती पर 'भारत को बदनाम' करने का आरोप लगाती रही है और इस बीच राहुल का फिर से यूरोप में आलोचनात्मक बयान आया है। राहुल ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने यूरोपीय संसद के सदस्यों के साथ देश में लोकतांत्रिक संस्थानों पर हमले सहित भारत के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों पर चर्चा की। कांग्रेस नेता ने कहा कि वे बेहद चिंतित थे क्योंकि उन्हें लगा कि यह भारत की लोकतांत्रिक ढाँचा को दबाने का प्रयास था।

लोकतंत्र पर हमले का राहुल का पिछला बयान ब्रिटेन में आया था और पूरी बीजेपी उनके पीछे पड़ गई थी। बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी विदेशी धरती पर जाकर भारत की ख़राब छवि पेश करते हैं।

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फरवरी-मार्च की उस ब्रिटेन यात्रा के दौरान राहुल ने टिप्पणी की थी कि कैसे भारत में लोकतंत्र एक वैश्विक हित में है और यदि भारत में लोकतंत्र कमजोर होता है, तो यह दुनिया में कमजोर होता है। बीजेपी ने उन पर विदेशी धरती पर भारत को बदनाम करने का आरोप लगाया था और उनसे माफी की मांग की थी। बीजेपी ने राहुल पर देश की समस्याओं को सुलझाने में दूसरे देशों के हस्तक्षेप की मांग करके देश की संप्रभुता को कमजोर करने का भी आरोप लगाया था।

बीजेपी के इन आरोपों के प्रति इस बार राहुल गांधी सजग दिखे। इसलिए जब वह भारत में लोकतंत्र की स्थिति को लेकर दावे कर रहे थे तो उन्होंने यह भी कहा कि 'भारत में हमारी लोकतांत्रिक लड़ाई और लोकतंत्र के लिए लड़ाई है। और यह हमारी जिम्मेदारी है। और हम इससे निपट लेंगे। और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारी संस्थाओं और हमारी स्वतंत्रता पर इस तरह का हमला रोका जाए। विपक्ष यह सुनिश्चित करेगा कि ऐसा हो।'

यह भी सच है कि बीजेपी के ऐसे हमले के बाद भी कांग्रेस नेता ने रिकॉर्ड पर कहा है कि उन्होंने विदेशी सांसदों के साथ भारत में लोकतांत्रिक संस्थानों पर हमले पर चर्चा की है।

राहुल गांधी शुक्रवार को ब्रुसेल्स में प्रेस कॉन्फ्रेंस में यूरोपीय संसद के सदस्यों के साथ अपनी गोलमेज बैठक के बारे में बात कर रहे थे। 

कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने यूरोपीय सांसदों से साथ 'भारत और यूरोप के बीच संबंध, बदलती दुनिया, एक नई ऊर्जा प्रतिमान में परिवर्तन आदि के बारे में बात की थी। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, 'हम उन्हें बता रहे थे कि भारत किस प्रकार की चुनौतियों का सामना कर रहा है- आर्थिक चुनौतियाँ, अन्य चुनौतियाँ, लोकतांत्रिक संस्थानों पर सामान्य प्रकार का हमला। हमने इसी पर चर्चा की।'

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उनकी प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर, राहुल ने कहा, 'वे बहुत चिंतित हैं और उन्हें लगा कि भारत की लोकतांत्रिक ढाँचा को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। वे बहुत स्पष्ट थे।'

ये दावे कि भारत में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है, विपक्ष की आवाज़ दबाई जा रही है और संवैधानिक संस्थानों पर कब्ज़ा किया जा रहा है, राहुल की विदेश यात्राओं के लगातार विषयों में से एक रहे हैं।

जी20 के सवाल पर राहुल ने मुख्य तौर पर भारत के जी20 अध्यक्ष पद पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह की स्थिति को दोहराया, जिसे पूर्व प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को द इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक साक्षात्कार में बताया था। सिंह ने कहा था, 'मुझे बहुत खुशी है कि जी20 की अध्यक्षता के लिए भारत को बारी-बारी से मौका मेरे जीवनकाल के दौरान मिला और मैं जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत द्वारा विश्व नेताओं की मेजबानी करने का गवाह हूं।'

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प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को जी20 डिनर में आमंत्रित नहीं करने को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'यह आपको कुछ बताता है। यह आपको बताता है कि वे भारत की 60 प्रतिशत आबादी के नेता को महत्व नहीं देते हैं, और यह कुछ ऐसा है जिसके बारे में लोगों को सोचना चाहिए। उन्हें ऐसा करने की आवश्यकता क्यों महसूस हो रही है? और उसके पीछे किस प्रकार की सोच चलती है?'

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क़मर वहीद नक़वी
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