सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फ़ैसला सुनाया कि प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश की एक समिति की सिफारिश पर मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की जानी चाहिए। इसमें यह भी कहा गया है कि अगर विपक्ष के नेता नहीं हों तो लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता चुनाव आयोग और सीईसी की नियुक्ति के लिए समिति में होंगे। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने यह फ़ैसला सुनाया है। इसके साथ ही कोर्ट ने मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों में नियुक्ति में सरकार की शक्ति को सीमित कर दिया है।