मुंबई की लोकल ट्रेनों में 2006 में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों के मामले में आरोपियों को बरी किए जाने के बाद अब सवाल पूछा जा रहा है कि क्या इनको फँसाने वाले एटीएस पर कार्रवाई होगी? बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा 12 आरोपियों को बरी कर दिए जाने पर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले में महाराष्ट्र सरकार और आतंकवाद निरोधी दस्ते यानी एटीएस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कार्रवाई की मांग की है।
मुंबई ट्रेन ब्लास्ट: 'निर्दोषों को फँसाया गया; क्या एटीएस पर कार्रवाई होगी?'
- महाराष्ट्र
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- 21 Jul, 2025
मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट मामले में नए खुलासों से यह सवाल उठने लगा है कि क्या निर्दोष लोगों को फँसाया गया था? कई नेताओं ने एटीएस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं और सरकार से कार्रवाई की मांग की है।

इस मामले में अन्य नेताओं और संगठनों ने भी इस फ़ैसले के बाद कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया दी है। इन प्रतिक्रियाओं को जानने से पहले यह जान लें कि यह घटना क्या थी और इस पर हाई कोर्ट ने क्या टिप्पणी की है।
मुंबई ट्रेन विस्फोट 2006
11 जुलाई 2006 की शाम को मुंबई की पश्चिमी रेलवे लाइन पर चलने वाली सात लोकल ट्रेनों के प्रथम श्रेणी डिब्बों में 11 मिनट के भीतर सात बम धमाके हुए थे। इन धमाकों में 189 लोगों की जान चली गई थी और 800 से अधिक लोग घायल हुए थे। यह घटना मुंबई की 'लाइफलाइन' कहलाने वाली लोकल ट्रेनों को निशाना बनाकर की गई थी। इसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था।