न्यूज़ चैनलों की रेटिंग देने वाली यानी टीआरपी बताने वाली एजेंसी बार्क (ब्रॉडकास्टिंग ऑडिएंस रिसर्च कौंसिल) इस समय निशाने पर है। उस पर आरोप लग रहे हैं कि वह ठीक ढंग से काम नहीं कर रही, उसकी रेटिंग प्रणाली में खोट है और सबसे बुरा आरोप तो भ्रष्टाचार का है। कहा जा रहा है कि अगर ठीक से जाँच हुई तो बहुत सारी चीज़ें बाहर आ सकती हैं। मसलन, न्यूज़ चैनलों द्वारा उसके कर्मचारियों को महँगे उपहार देने से लेकर विदेशों में मौज़ कराकर टीआरपी को प्रभावित करने तक कई ऐसी विस्फोटक जानकारियाँ हैं जो बार्क से लोगों के विश्वास को ध्वस्त कर सकती हैं।