नकदी संकट से जूझ रही पंजाब सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले नौ महीनों में 30,000 करोड़ रुपये का भारी कर्ज ले लिया है। आशंका है कि सरकार के पास फंड की भारी कमी होने वाली है। सरकार मुश्किल से ही सरकारी कर्मचारियों को तनख्वाह का भुगतान कर पा रही है। आमदनी तो कुछ खास बढ़ी नहीं और बिजली पर सब्सिडी के तौर पर क़रीब 1500 करोड़ रुपये हर महीने ख़र्च हो रहे हैं। तो सवाल है कि पंजाब ऐसी स्थिति में कैसे आर्थिक हालत सुधारेगा? कहीं राज्य की अर्थव्यवस्था दिवालिया होने की तरफ़ तो नहीं बढ़ रही है?
क्या बिजली सब्सिडी की वजह से दिवालिया होगा पंजाब?
- पंजाब
- |
- 23 Dec, 2022
पहले से ही कर्ज में डूबे पंजाब में मुफ्त बिजली योजना क्या राज्य की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर देगी? आख़िर सरकार को भारी मात्रा में कर्ज क्यों लेना पड़ रहा है?

राज्य की मौजूदा स्थिति क्या है यह राज्य के वित्त मंत्री के बयान से भी पता चलता है। अपने बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा था कि सरकार चालू वित्त वर्ष में 35,000 करोड़ रुपये से अधिक का उधार नहीं लेगी। लेकिन इसने तीन तिमाहियों से भी कम समय में 30,000 करोड़ रुपये पहले ही उधार ले लिए हैं। यानी अभी भी एक तिमाही से ज़्यादा का समय बाक़ी है। ऐसे में क्या कर्ज की तय सीमा को वह पार नहीं कर जाएगी? कम से कम विशेषज्ञ तो ऐसा ही अनुमान लगा रहे हैं।