महाराष्ट्र में पिछले क़रीब ढाई-तीन महीने पहले से एनसीपी में टूट की जो ख़बर आ रही थी, क्या वह अब नतीजे पर पहुँच गई है। अजित पवार ने बगावत कर दी है। जानिए, इस बगावत के पीछे वजह क्या है।
महाराष्ट्र में शरद पवार और उनकी एनसीपी को जबरदस्त झटका लगा है। शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने 9 विधायकों के साथ एनसीपी से बागवत करते हुए शिवसेना (शिंदे) और भाजपा की सरकार में शामिल होने का फैसला किया है। उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया है। वो तीसरी बार डिप्टी सीएम बने हैं। एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल, हसन मुशरिफ, धनंजय मुंडे, अनिल पाटिल और दिलीप वलसे पाटिल समेत 8 एनसीपी विधायकों ने बतौर मंत्री शपथ ली है।
क्या एनसीपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है? दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के लिए लगाए गए पोस्टर में अजित पवार की तस्वीर क्यों नहीं?
एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने महाराष्ट्र में नेता विपक्ष का पद छोड़ने की इच्छा जताई है।
Satya Hindi News Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । अजित पवार ने शरद पवार से कहा- 'हमें नेता विपक्ष पद से हटा दें । बंगाल पंचायत चुनाव के नामांकन दौरान हुई हिंसा की होगी CBI जांच
शरद पवार ने वारिस का एलान कर ही दिया। सुप्रिया सुले के साथ प्रफुल्ल पटेल भी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष होंगे। लेकिन क्या करेंगे अजित पवार? एनसीपी और महाराष्ट्र की राजनीति पर इसका क्या असर होगा? आलोक जोशी के साथ ज्ञानेश वाकुडकर, वाहिद अली खान, रवि किरण देशमुख और सतीश के सिंह।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी में जो बदलाव किए गए हैं, उसके बाद क्या सबकुछ सामान्य है? जानिए अजित पवार को लेकर कयासों पर सुप्रिया सुले ने क्या कहा।
प्रफुल्ल पटेल ने बताया कि शरद पवार ने एनसीपी की एक कमेटी गठित कर नया अध्यक्ष चुनने की जिम्मेदारी हमें दी थी। इस कमेटी में पहला नाम मेरा था। इस्तीफे के बाद से ही पवार साहेब से फैसला वापस लेने की अपील की जा रही है। हमने उनसे आग्रह किया कि केवल पार्टी ही नहीं, राज्य और देश की राजनीति को भी उनकी जरूरत है।
एनसीपी अध्यक्ष पर आज फैसला हो सकता है। पार्टी की बैठक 11 बजे बुलाई गई है। हर कोई शरद पवार को देख रहा है। सुप्रिया सुले के नाम पर लगभग सभी की सहमति बन गई है।
महाराष्ट्र के सियासी जानकारों का कहना है कि यह शरद पवार का राजनीतिक दांव था, जिसमें वो माहिर हैं। इस दांव से उन्होंने कई चीजों को एक साथ साध लिया। पहली तो ये कि उन्होंने अजित पवार की बगावत को शांत कर दिया है, जिनको लेकर खबरें आ रही थीं कि वे बीजेपी के साथ नजदीकी बढ़ा रहे हैं।
शरद पवार ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद पवार ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने केवल पद छोड़ा है, लेकिन सक्रिय राजनीति नहीं। वे राजनीति में बने रहेंगे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से उनका इस्तीफा स्वीकार करने की अपील की थी।
शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने कहा कि अजित पवार की टिप्पणी से साफ़ हो गया है कि बीजेपी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को अपना बस्ता बांध लेने को कह दिया है।
अजित पवार शुक्रवार को मुंबई में हो रही पार्टी की बैठक छोड़कर, पुणे में हो रहे दूसरे कार्यक्रम में शामिल हुए। इसे उनकी नाराजगी के तौर पर देखा गया। उसी दिन जारी की स्टार प्रचारकों की सूची से नाम काट दिया गया।
मुंबई में हो रही एनसीपी की बैठक में पार्टी अध्यक्ष शरद पवार, सुप्रिया सुले, अनिल देशमुख, छगन भुजबल जैसे सभी बड़े नेता शामिल हैं, सिवाय अजित पवार के।
संजय शिरसाट ने कहा कि एनसीपी में उथल-पुथल का दौर चल रहा है, यह वैसा ही जैसा कुछ दिनों पहले शिवसेना में था। अजित पवार को उद्धव ठाकरे का नेतृत्व मंजूर नहीं है, और वह एनसीपी में भी नहीं रहना चाहते।
अजीत पवार ने कहा, ''मैं एनसीपी कार्यकर्ताओं को बताना बताना चाहता हूं,'चिंता न करें, एनसीपी का गठन शरद पवार के नेतृत्व में हुआ था, उसके बाद से कई बार ऐसा हुआ है, जब हम सत्ता में या विपक्ष में रहे हैं।
बंगाल और महाराष्ट्र की बोली, संस्कृति बेशक अलग-अलग हैं लेकिन दोनों राज्यों के दो नेताओं मुकुल रॉय और अजीत पवार की राजनीतिक मजबूरियां एक जैसी हैं और इसीलिए दोनों जब तब अपनी मूल पार्टी से बेवफाई करते रहते हैं।
महाराष्ट्र की राजनीति में तेजी से उतार चढ़ाव हो रहे हैं। आज खबरें गर्म हैं कि एनसीपी टूटने जा रही है। नेता विपक्ष अजीत पवार को एनसीपी के करीब 35 विधायकों का समर्थन प्राप्त है और वो कभी भी उन विधायकों के साथ बीजेपी से हाथ मिला सकते हैं।
महाराष्ट्र के एनसीपी नेता अजीत पवार ने अपनी पुणे रैली कैंसल कर दी है। आखिर क्या है इसकी वजह, क्या हैं उनके इरादे।
महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि अजित पवार भाजपा के साथ गठबंधन करने के इच्छुक हैं, और अपनी इस इच्छा को लेकर पार्टी प्रमुख शरद पवार को भी सूचित कर दिया है।
महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी गठबंधन में क्या फूट की आशंका है? जानिए आख़िर क्यों उद्धव ठाकरे खेमे के नेता संजय राउत ने अजित पवार और बीजेपी को लेकर क्या कहा।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के चुनाव बाद घटनाक्रम को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जो टिप्पणी की है, उससे उस समय के घटनाक्रम मेल नहीं खाते हैं। ज्यादा पुराना इतिहास नहीं है। जानिएः
महाराष्ट्र में 2019 में जब बीजेपी और शिवसेना की सरकार नहीं बनी तो तीन दिन के लिए एक सरकार बनी थी, जिसमें सीएम देवेंद्र फडणवीस बने और एनसीपी के अजीत पवार डिप्टी सीएम। तीन साल बाद उस राजनीतिक घटनाक्रम पर दो नेताओं में बयानबाजी हो रही है।
क्या बीजेपी शिवसेना के बाद एनसीपी को तोड़ने की कोशिश कर रही है? क्या एक बार फिर अजित पवार उसके मोहरे बनेंगे? क्या मोदी सरकार फिर से ईडी और सीबीआई के ज़रिए उन पर दबाव बना रही है? आख़िर राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी के सम्मेलन से बीच में अजित पवार का जाना क्या कहता है?
क्या पवार परिवार में कुछ खटपट चल रहा है? आख़िर एनसीपी की बैठक को बीच में ही छोड़कर शरद पवार के भतीजे अजित पवार मंच से क्यों चले गए?
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार पर संकट के मद्देनज़र सरकार की सहयोगी पार्टी एनसीपी की बैठक में आज क्या फ़ैसला लिया गया? जानिए एनसीपी नेता अजित पवार ने क्या कहा।