जम्मू-कश्मीर में चल रहे आतंकवाद में एक नया और अधिक ख़तरनाक ट्रेंड यह उभर रहा है कि अब स्थानीय कश्मीरी युवक बड़ी तादाद में आतंकवाद का रास्ता चुन रहे हैं। क्या है इसकी वजह?
क्या कोई जाँच एजेंसी बिना किसी सबूत के किसी को भी आतंकवादी संगठन से जुड़े होने के शक में गिरफ़्तार कर सकती है? ऐसे में इन मुसलिम लड़कों का दर्द कौन समझेगा? देखिए वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का विश्लेषण 'आशुतोष की बात' में।
जम्मू बस पड़ाव पर खड़ी एक बस पर ग्रेनेड फेंका गया, विस्फोट में एक की मौत हो गई और 32 लोग घायल हो गए हैं। जख़्मी लोगों को अस्पताल में दाखिल कराया गया है।