आँध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू के कार्यक्रमों के बाद राजनीतिक गहमागहमी बढ़ गई है। उनके कार्यक्रमों में भगदड़ के बाद राज्य सरकार ने सड़क पर होने वाली रैलियों, सभाओं को लेकर एक आदेश निकाला है।
आँध्र प्रदेश की राजनीति में अपनी स्थिति मज़बूत बनाने की कोशिश में लगे चंद्रबाबू नायडू की सभा में फिर से भगदड़ मची। चार दिन पहले ही एक भगदड़ में 8 लोगों की मौत हो गई थी।
टीडीपी को ऐसी उम्मीद है कि नारा लोकेश की इस पदयात्रा से पार्टी मजबूत होगी और इसका फायदा उसे 2024 के विधानसभा चुनाव में मिलेगा। देखना होगा कि क्या चंद्रबाबू नायडू और नारा लोकेश टीडीपी को फिर से सत्ता में ला पाएंगे?
घटना के बाद पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू अस्पताल पहुंचे और पार्टी के घायल कार्यकर्ताओं से मिले। उन्होंने इस घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को 10 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया।
उपद्रव के दौरान कई कारों में आग लगा दी गई और तोड़फोड़ भी की गई। दोनों ओर के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। क्यों हुआ दोनों दलों के कार्यकर्ताओं में टकराव?
आँध्र प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलीकॉप्टर के आसपास संदिग्ध चीजों का उड़ता पाया जाना सुरक्षा के लिए कितना गंभीर है? जानिए, कैसे काल गुब्बारे उड़ते हुए देखे गये।
आँध्र प्रदेश में एक ज़िले का नाम बदलने के प्रस्ताव पर प्रदर्शनकारियों का इतना ग़ुस्सा क्यों फूट पड़ा कि उन्होंने हिंसा कर दी? प्रदर्शनकारियों ने मंत्री के घर में आग क्यों लगाई?
आंध्र प्रदेश की कैबिनेट के सभी मंत्रियों ने क्यों इस्तीफ़ा दिया है? क्या अगले चुनाव की तैयारी में मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी नयी टीम के साथ उतरना चाहते हैं?
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को देशभर में किसानों ने विश्वासघात दिवस मनाया। मोर्चा ने कहा है कि वो 3 फरवरी को मिशन यूपी के अगले चरण की घोषणा करेगा। हम बीजेपी को हराए बिना चैन से नहीं बैठेंगे। जानिए एसकेएम ने और क्या कहा।
आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2024 में होंगे लेकिन बीजेपी अभी से वादा कर रही है कि सत्ता मिली तो वो राज्य में शराब सस्ती कर देगी। मतदाताओं को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष का यह प्रलोभन आगे क्या राजनीतिक गुल खिलाएगा, इसका पता चुनाव में लड़ेगा लेकिन क्या ऐसा वादा मतदाताओं से किया जाना चाहिए।
किसान आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के तीन राजधानी बनाने की योजना से क्यों खफा थे और अब उन्हें विधानसभा में इस क़ानून को क्यों रद्द करना पड़ा?
क्या प्रोफ़ेसर, प्रिंसिपल माता-पिता के बारे में ऐसी कल्पना भी की जा सकती है कि कथित तौर पर धार्मिक कर्मकांड में अपनी दो बेटियों की हत्या कर दी? मामला आँध्र प्रदेश के मदनपल्ली का है।