ये सवाल कितना जायज़ है कि दूसरे राज्यों में होने वाले बलात्कार पर वैसा हंगामा क्यों नहीं हो रहा जैसा हाथरस काँड को लेकर किया जा रहा है? इसके पीछे यूपी सरकार को लेकर कोई पूर्वाग्रह है या फिर इस तर्क को ध्यान बँटाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट।Satya Hindi
हाथरस के बलात्कार कांड को योगी सरकार ने जिस तरह से लिया उससे कई सवाल खड़े हो गए हैं, मगर पहले भी ऐसे मामले हुए हैं, जो बताते हैं कि वह कानून से बाहर जाकर काम करने से भी परहेज़ नहीं करती। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट। Satya Hindi
बाबरी मसजिद विध्वंस में अदालत द्वारा साज़िश के आरोपों से बरी किए जाने के बाद लाल कृष्ण आडवाणी ख़ुश हैं कि वह दोषमुक्त हो गए हैं, लेकिन क्या वह ख़ुद को दोषमुक्त मानते होंगे? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार खुला ख़त लिखकर उठा रहे हैं सवाल।
विपक्ष बिखरा हुआ है और एनडीए के पास धनबल, बाहुबल यानी हर तरह की ताक़त है। तो क्या मान लिया जाए कि बिहार में उसकी जीत तय है या फिर मतदाता कुछ और ग़ुल खिला सकता है। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट।
सीएजी की रिपोर्ट बताती है कि राफेल की निर्माता कंपनी दसॉ एविएशन भारत में निवेश और टेक्नालॉजी देने के मामले में अपना वादा पूरा नहीं कर रही। सवाल उठता है कि इस मामले में चुप क्यों है, वह दसाँ पर दबाव क्यों नहीं डाल रही है? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के राजनीतिकरण के बाद से बॉलिवुड लगातार निशाने पर है। एक तरफ तो उसे ड्रग्स तथा अपराधों का अड्डा बताया जा रहा है और दूसरी ओर कंगना रानौत, पायल घोष जैसे लोग चुन-चुनकर फिल्मी हस्तियों पर हमले कर रहे हैं। क्या इसके पीछे कोई एजेंडा है और अगर है तो वह क्या है? पेश है वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट। Satya Hindi