दुनिया भर में महंगाई क्यों बढ़ रही है और क्या अब बड़ी आर्थिक मंदी सामने है? पूरी दुनिया के सामने आते दिख रहे इस संकट के बीच भारत खुद को कैसे बचा सकता है?
कश्मीरी पंडितों का पलायन दुखद है। लेकिन क्या भारत में यही एक पलायन है? क्या किसी को अंदाज़ा है कि विकास और रोज़गार के नाम पर कितने भारतीयों को विस्थापित होना पड़ा है?
मौजूदा यूक्रेन संकट दुनिया के सामने है। रूस का मीडिया यूक्रेन की छवि आक्रामक देश के तौर पर पेश कर रहा है। यूक्रेन में कुछ ऐसा ही संकट 1930 के दशक में आया था, लेकिन तब गैरेथ जोन्स ने वैसी रिपोर्ट थी जो इतिहास में दर्ज है।
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की गारंटी मांग रहे हैं, लेकिन क्या कृषि की इतनी ही समस्या है? जानिए, किसानों के समग्र मुद्दों का आख़िर कैसे समाधान हो सकता है?
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग क्या चीन के इतिहास में माओ से आगे निकलना चाहते हैं? जानिए, शीन जिनपिंग के ऐतिहासिक प्रस्ताव के क्या हैं मायने और वह माओ और देंग शियाओपिंग से कैसे अलग हैं।
प्रधानमंत्री मोदी जब अमेरिकी यात्रा से लौटे तो उनका ऐसा स्वागत किया गया जैसे किसी ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई हो! लेकिन क्या ऐसा है? आख़िर उनकी इस यात्रा का क्या नतीजा निकला?
तालिबान ने जब अफ़ग़ानिस्तान पर कब्जा जमाया तो उसको समर्थन व मान्यता देने की सबसे पहले बात कहने वालों में से चीन भी एक था। अब तालिबान ने चीन से दोस्ती का इजहार कर तालिबान ने अपना असली चेहरा दिखा दिया है।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी इस महीने अपनी स्थापना शताब्दी मना रही है। राजधानी बीजिंग के तियानन्मैन चौक में हुए भव्य शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति शी जिन्पिंग ने कहा कि चीन किसी की धौंस में नहीं आएगा। जो चीन को दबाने की ज़ुर्रत करेगा उसका सिर तोड़ दिया जाएगा।
अमेरिका ने आतंकवादियों को पनाह देने वाले जिस इस्लामी कट्टरपंथी तालिबान संगठन की जड़ें उखाड़ने के लिए सितंबर 2001 में अफ़ग़ानिस्तान पर चढ़ाई की थी वह अब उसी से अपना पिंड छुड़ा रहा है। भारत अब वहाँ किस रूप में दिखेगा?