यूरोप इन दिनों ऊर्जा के गंभीर संकट से गुज़र रहा है। ऊर्जा की बड़ी खपत वाले इस्पात, शीशा, जस्ता और एल्यूमीनियम के कारख़ानों को पता नहीं कि उन्हें उतने दामों पर गैस और बिजली मिल पाएगी या नहीं जितना वे चुका सकते हैं। लोगों को पता नहीं कि सर्दियों में वे अपने घरों को गर्म रख पाएँगे या नहीं। ब्रितानी कंपनी नेशनल ग्रिड ने चेतावनी दी है कि संकट गहराया तो सर्दियों में तीन घंटे की बिजली कटौती करनी पड़ सकती है।
ऊर्जा संकट से यूरोप में त्राहि-त्राहि, ऊर्जा स्वाधीनता ज़रूरी
- दुनिया
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- 9 Oct, 2022

यूरोप में मौजूदा ऊर्जा संकट का क्या सबक है? परमाणु संपन्न होकर ही देश की पूरी तरह सुरक्षा की जा सकती है? क्या सीमाओं की सुरक्षा से कम ज़रूरी है ऊर्जा व अर्थव्यवस्था का दबावों से मुक्त होना?
यूरोपीय संघ के एक अधिकारी ने संघ के 27 सदस्य देशों में बिजली की कटौती की संभावना की बात की है और लोगों से गैस की खपत में 15 प्रतिशत कटौती करने को कहा है। जर्मनी, फ्रांस, इटली और स्पेन जैसे देशों ने बिजली की बचत के लिए रात को स्मारकों की रोशनी बंद करने और सार्वजनिक भवनों व दफ़्तरों की हीटिंग और कूलिंग को कम रखने के फ़ैसले लिए हैं। लोगों और उद्योग-धंधों से ऊर्जा की खपत में किफ़ायत बरतने की अपीलें की जा रही हैं। घरों, दफ़्तरों और सार्वजनिक इमारतों को ऊर्जा किफ़ायती बनाने के प्रयास भी हो रहे हैं ताकि उन्हें गर्म करने और ठंडा रखने में कम ऊर्जा ख़र्च हो।