प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सातवीं अमेरिका यात्रा को लेकर कई तरह की आशंकाएँ और आशाएँ थीं। उनकी यह तीन दिवसीय यात्रा द्विपक्षीय शासकीय यात्रा नहीं थी। इसलिए इस यात्रा से संबन्धों में नया मोड़ लाने वाले किसी बड़े सामरिक या व्यापारिक समझौते की उम्मीद तो नहीं थी। पर अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की वापसी और हिन्द-प्रशान्त क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का सामना करने के लिए किसी पहल की उम्मीद थी। ख़ासकर चार देशों के नए संगठन क्वॉड जिसकी शिखर बैठक पहली बार हो रही थी।