यूपी में पुलिस एनकाउंटर का सिलसिला जारी है। आज मंगलवार सुबह कौशांबी जिले में एक वांछित आरोपी मोहम्मद गुफरान का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया। यूपी में तमाम पुलिस एनकाउंटर पर विवाद है। विपक्ष का आरोप है कि यूपी पुलिस सिर्फ खास समुदाय के कथित अपराधियों का एनकाउंटर कर रही है।
उत्तर प्रदेश में 2017 से अब तक हर 15 दिनों में एक एनकाउंटर हो रहा है। इंडियन एक्सप्रेस ने आज यूपी के एनकाउंटर आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए एक विशेष रिपोर्ट छापी है। जानिएः
झांसी में हुए एनकाउंटर में मारे गए असद अहमद को दो गोलियां और गुलाम को एक गोली लगी। हालांकि यूपी पुलिस ने इसे बहुत बड़ा एनकाउंटर बताया था, जिसमें 59 राउंड गोली चलने की बात कही गई थी। इस एनकाउंटर में कोई पुलिस वाला घायल नहीं हुआ है।
पूर्व सांसद अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और गुलाम के एनकाउंटर में पुलिस ने जो कहानी बताई है, इंडिया टुडे की ग्राउंड रिपोर्ट ने उस कहानी को पलट दिया है। इससे पुलिस की कहानी पर तमाम सवाल खड़े हो गए हैं। जानिए क्या हैं तथ्यः
यूपी में एनकाउंटर की बाढ़ आई हुई है। यूपी पुलिस ने खुद माना है कि एनकाउंटर में मारे जाने वाले मुसलमान ज्यादा हैं। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या इन्हें टारगेट किलिंग माना जाए। समाजवादी पार्टी का आरोप है कि जाति विशेष के अपराधियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।