नागरिकता संशोधन अधिनियम ने पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को वह बहाना दे दिया है, जिसका फ़ायदा उठा कर वह बंगाली पहचान का मुद्दा उठाए और इस तरह अगले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाए।
पश्चिम बंगाल में प्रतीकों की राजनीति तेज़ हो गई है। ‘जय श्री राम’ की वजह से बाहरी लोगों की पार्टी कहे जाने पर पश्चिम बंगाल बीजेपी अब ‘जय माँ काली’ का नारा ले कर आई है।