हम आधुनिक मानव यानी होमो सेपियंस पिछले दस हज़ार सालों से एकमात्र मानव प्रजाति होने के इस कदर अभ्यस्त हो चुके हैं कि किसी दूसरी मानव प्रजाति के बारे में कल्पना करना भी मुश्किल लगता है। लेकिन उन्नीसवीं और बीसवीं सदी के आरंभ में मानव वैज्ञानिकों और पुरातत्वविदों ने हमारी इस सोच को बदलते हुए बताया कि वास्तव में होमो सेपियंस मानव प्रजातियों की महज एक क़िस्म है।

प्रतीकात्मक तसवीर।
शोधकर्ताओं का दावा है कि यह अभी तक पहचाने गए हमारे सबसे नज़दीकी वंशजों जैसे- होमो निएंडरथल्सया होमो इरेक्टस की तुलना में और भी क़रीबी रिश्तेदार हो सकता है। वैज्ञानिकों ने इस नए मानव प्रजाति को ‘होमो लोंगी’ नाम दिया है।
आज से क़रीब एक लाख साल पहले पृथ्वी कम से कम सात मानव प्रजातियों का घर हुआ करती थी। दिलचस्प बात यह है कि अब इस दिशा में खोज की दर इतनी तेज़ हो गई है कि साल-दर-साल मानव वंश वृक्ष या फ़ैमिली ट्री में नए-नए नाम जुड़ते जा रहें हैं। इसी कड़ी में हाल ही में चीन के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी प्राचीन खोपड़ी के बारे में जानकारी दी है, जो पूरी तरह से एक नई प्रजाति के मानव की हो सकती है।