हम आधुनिक मानव यानी होमो सेपियंस पिछले दस हज़ार सालों से एकमात्र मानव प्रजाति होने के इस कदर अभ्यस्त हो चुके हैं कि किसी दूसरी मानव प्रजाति के बारे में कल्पना करना भी मुश्किल लगता है। लेकिन उन्नीसवीं और बीसवीं सदी के आरंभ में मानव वैज्ञानिकों और पुरातत्वविदों ने हमारी इस सोच को बदलते हुए बताया कि वास्तव में होमो सेपियंस मानव प्रजातियों की महज एक क़िस्म है।