आज जब पाकिस्तान राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक गिरावट की ओर बढ़ रहा है तथा इमरान को समर्थन के मुद्दे पर सेना ख़ुद बँट गई है, तब क्या सेना फिर से सत्ता अपने हाथों में लेगी? जानिए इमरान की सत्ता कैसे गई और आईएसआई की भूमिका क्या है। पहली कड़ी आप कल पढ़ चुके हैं (नहीं पढ़ी हो तो पढ़ने के लिए यहाँ टैप/क्लिक करें। आज पेश है इस सीरीज़ की दूसरी कड़ी।
पाकिस्तान -भाग 2 : ISI चीफ़ की नियुक्ति ने कैसे बिगाड़ा इमरान का खेल?
- दुनिया
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- 23 Nov, 2022

आख़िर पाकिस्तान में अस्थिरता क्यों है? इमरान ख़ान की सत्ता जाने की प्रमुख वजह क्या थी? सेना और आईएसआई में बदलाव लाने का उनका प्रयास क्या उनको उलटा पड़ गया?
पाकिस्तान में समय के साथ-साथ आर्मी के साथ-साथ इंटर सर्विसेज़ इंटेलिजेंस यानी आईएसआई के रूप में एक दूसरी ताक़त भी उभरी जिसकी भूमिका 1980 के दशक के बाद बहुत ही महत्वपूर्ण हो गई। आईएसआई का प्रदर्शन 1949 से 1971 तक कोई विशेष उपलब्धियों वाला नहीं था। शीत युद्ध में रूस के अफ़ग़ानिस्तान में प्रवेश (24 दिसंबर 1977-15 फ़रवरी 1989) के समय अमेरिका के सी.आई.ए. के साथ काम करने के दौरान जनरल ज़िया ने आई.एस.आई. को आगे किया। अमेरिका ने रूस को अफ़ग़ानिस्तान से हटाने के लिए आई.एस.आई. को पैसा और हथियार देकर मुजाहिदीन की फ़ौज तैयार की। जनरल ज़िया ने इस संगठन का इस्तेमाल अफ़ग़ानिस्तान के साथ-साथ आंतरिक मामलों में अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए किया।
राजीव श्रीवास्तव रक्षा विश्लेषक हैं। रोहित शर्मा अंतरराष्ट्रीय संबंध विश्लेषक हैं।