केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ख़ान को हाई कोर्ट ने सोमवार को झटका दिया। झटका इसलिए कि राज्यपाल ने 9 विश्वविद्यालयों के वीसी को इस्तीफा देने का आदेश दिया था, लेकिन केरल हाई कोर्ट ने यह कहते हुए उन वीसी को तब तक काम करते रहने के लिए कह दिया जब तक कि राज्यपाल उन्हें कारण बताओ नोटिस के बाद अंतिम आदेश जारी नहीं कर देते। वैसे तो यह सामान्य विवाद राज्यपाल और विश्वविद्यालय के वीसी का लगता है, लेकिन समझा जाता है कि यह मामला राजनीतिक है और यह केरल की वामपंथी सरकार और केंद्र द्वारा नियुक्त राज्यपाल के बीच तनातनी का एक हिस्सा है।
विपक्ष वाली राज्य सरकारों से ही क्यों ठनती है राज्यपालों की?
- विश्लेषण
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- 25 Oct, 2022
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ख़ान आख़िर अपनी किस ज़िद पर अड़े थे कि हाई कोर्ट को दखल देना पड़ा? पश्चिम बंगाल और पंजाब में भी राज्यपालों से क्यों तनातनी है? उद्धव व शिंदे सरकारों में क्या बदला कि महाराष्ट्र में भी अब सब ठीक हो गया?

केरल ही एकमात्र राज्य नहीं है जहाँ पर राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच तनातनी चल रही है, बल्कि हर उस विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में तनातनी है जिसके साथ बीजेपी के अच्छे रिश्ते नहीं हैं। चाहे वह पश्चिम बंगाल का मामला हो या फिर पंजाब, झारखंड का या फिर उद्धव ठाकरे के कार्यकाल में महाराष्ट्र का।