क्या राहुल गाँधी भी अपनी दादी इंदिरा गाँधी की तरह समाजवाद की प्रत्यंचा चढ़ाकर अपने विरोधियों को पस्त करने की तैयारी कर रहे हैं? क्रोनि कैपिटलिज़्म, आदिवासियों का जल-जंगल-ज़मीन पर हक़, हर ग़रीब को एक न्यूनतम आमदनी, भारतीय राजनीति में ये शब्द मुख्यधारा की पार्टियों को छोड़ वामपंथी या यूँ कह लें कि समाजवादी विचारधारा की पार्टियाँ ही आमतौर पर इस्तेमाल करती रही हैं। लेकिन पिछले एक साल से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी अपने हर भाषण या सभाओं में इन शब्दों का प्रमुखता से इस्तेमाल कर रहे हैं।