कुछ महीने बाद ही होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले असम में सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों ने मुख्यतः मुसलिम लोगों को समर्पित एक संग्रहालय स्थापित करने के मुद्दे पर एक-दूसरे पर आक्रमण शुरू कर दिया है। यह मुसलिम आबादी ब्रह्मपुत्र के कछार और बालूचर में रहती है जिसे असम में चर अंचल कहा जाता है।
असम: मुसलमानों के म्यूजियम का विरोध क्यों?
- असम
- |
- |
- 27 Oct, 2020

हिमंत विश्व शर्मा।
आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र मुसलिम प्रवासियों का एक अप्रत्यक्ष संदर्भ देते हुए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने हाल ही में 'मुग़लों ने हमला किया है' जैसी सांप्रदायिक टिप्पणी की थी। अब कांग्रेस के विधायक शेरमन अली अहमद द्वारा राज्य के संग्रहालयों के निदेशक को पत्र लिखने के बाद सवाल उठाया जा रहा है कि सरकारी फंडिंग के साथ राज्य में एक ‘मियाँ संग्रहालय’ कैसे स्थापित किया जा सकता है?
पिछले सप्ताह कांग्रेस के विधायक शेरमन अली अहमद द्वारा राज्य के संग्रहालयों के निदेशक को लिखे गए पत्र के बाद पिछले सप्ताह यह मामला सार्वजनिक हुआ, जिसमें 'चर अंचल' में रहने वाले लोगों की संस्कृति और विरासत को दर्शाते हुए एक संग्रहालय स्थापित करने की माँग की गई थी।
चर क्षेत्रों के विकास निदेशालय के अनुसार असम में ये रेत के मैदान और छोटे नदी द्वीप लगभग 3.6 लाख हेक्टेयर में फैले हुए हैं और लगभग 24.90 लाख लोग कई दशकों से इस अंचल में रहते हैं। ये लोग बांग्लाभाषी मुसलिम हैं जिनके पूर्वज मुख्य रूप से पूर्वी बंगाल और वर्तमान बांग्लादेश से आए थे।