गोविंद सिंह डोटासरा
कांग्रेस - लक्ष्मणगढ़
जीत
राम जन्म भूमि न्यास के पदाधिकारी व विश्व हिन्दू परिषद के लोग इस बात पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं कि अधिग्रहीत 67 एकड़ ज़मीन केंद्र सरकार से वापस करवाई जाए, जिसमें 48 एकड़ ज़मीन रामजन्म भूमि न्यास की है।
पत्थर तराश कर कार्यशाला में रखे गए हैं ताकि मंदिर स्थल के क़रीब उन्हें शिफ्ट करवाया जाए।
पत्थरों को रामलला मंदिर के अहाते में ले जाने के लिए खाली और सुरक्षित चैड़ी सड़क की भी ज़रूरत है। गुप्ता ने बताया कि इस सब की व्यवस्था करने के बाद ही बड़ी संख्या मे कारीगरों को पत्थर तराशने के लिए बुलाया जा सकेगा।
बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राम मंदिर के लिए सोमनाथ मंदिर अथवा माँ वैष्णैव देवी मंदिर के पैटर्न पर बनने वाले ट्रस्ट पर भी राम जन्मभूमि न्यास व विहिप की नज़र है।
राम मंदिर के वैधानिक कार्य व इससे जुड़े अन्य कार्य को देखने वाले विहिप के संगठन मंत्री व रामलला के सखा त्रिलोकी नाथ पांडे के मुताबिक़, मंदिर निर्माण में धन की कमी सामने नही आएगी। अभी से दान देने वालों की बड़ी संख्या तैयार है।
मंदिर आंदोलन के दौरान शिलापूजन कार्यक्रम के तहत 3 लाख गाँवों में प्रत्येक व्यक्ति से डेढ़ रुपये का दान लिया गया था। इससे 8 करोड़ का फंड न्यास के खाते में जमा हुआ था। उसी से मंदिर के पत्थरों को तराशने का काम 1991 से अनवरत जारी है।
मंदिर कार्य के संगठन मंत्री ने बताया कि जबसे मंदिर मसजिद मामले की नियमित सुनवाई शुरू हुई है, कार्यशाला में श्रद्धालुओं की भी भीड़ अप्रत्याशित तरीके से बढ़ी है। साथ ही दानपात्र में चढावा राशि में ख़ासा इजाफ़ा हुआ है।
जहाँ 30 सितंबर 2019 से पहले दान से 30 हजार रुपये की मासिक आय होती थी, वहीं अक्टूबर में यह राशि बढकर 3 लाख 86 हज़ार हो गई है। इसके अलावा रसीद कटवा कर चंदा के रूप में भी साढे तीन लाख रुपये मासिक मिल रहे हैं।
About Us । Mission Statement । Board of Directors । Editorial Board | Satya Hindi Editorial Standards
Grievance Redressal । Terms of use । Privacy Policy
अपनी राय बतायें