'न्यूयॉर्क टाइम्स' ने ख़बर दी कि पूरी दुनिया में कोरोना से मारे गए लोगों की वास्तविक संख्या बताने के डब्ल्यूएचओ के प्रयास को भारत रोक रहा है। यह ख़बर शनिवार को आई थी और इस पर भारत की प्रतिक्रिया पहले से ही अपेक्षित थी। इस ख़बर पर भारत ने अब डब्ल्यूएचओ यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन के मौत के आँकड़े तय करने के तौर-तरीक़ों पर सवाल उठाया है। भारत ने कहा है कि इस तरह के गणितीय मॉडलिंग का उपयोग करके इतने विशाल भौगोलिक आकार और जनसंख्या वाले राष्ट्र के लिए मृत्यु का आंकड़ों का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने न्यूयॉर्क टाइम्स की ख़बर के बाद यह प्रतिक्रिया जारी की है।
कोविड मौत का 'सही' डेटा आने से रोका? जानिए भारत का जवाब
- देश
- |
- 17 Apr, 2022
जब कोरोना महामारी अपने शिखर पर थी तब भारत में कोरोना से मारे गए लोगों के सरकारी आँकड़ों पर सवाल उठे थे। अब इस पर फिर से विवाद है। दुनिया भर में मौत के वास्तविक आँकड़े क्या भारत की वजह से जारी नहीं हो रहे?
अमेरिका के प्रतिष्ठित अख़बार ने एक दिन पहले ही रिपोर्ट दी थी कि डब्ल्यूएचओ ने कोरोना महामारी से वैश्विक मृत्यु की गणना करने का एक महत्वाकांक्षी प्रयास किया है। इसमें पाया गया है कि पहले जारी आँकड़ों की तुलना में बहुत अधिक लोगों की मौत हुई है। रिपोर्ट के अनुसार 2021 के अंत तक कुल लगभग 1.5 करोड़ लोगों की मौत हुई होगी जबकि आधिकारिक तौर पर कुल मिलाकर 60 लाख लोगों की मौत बताई गई है। यानी आधिकारिक आँकड़ों से क़रीब 90 लाख ज़्यादा लोगों की मौत होने का अनुमान है जिसे रिपोर्ट नहीं किया गया है।