श्रम क़ानूनों को सरल और आधुनिक बनाने वाले श्रम सुधार क्या जल्द ही लागू हो जाएँगे? केंद्र सरकार ने मौजूदा श्रम कानूनों को चार कोड यानी संहिताओं से बदलने का प्रस्ताव रखा है। श्रम मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 31 मार्च, 2025 तक चार श्रम कोडों के नियम का मसौदा तैयार करना है। तो सवाल है कि क्या राज्य ऐसा कर पाएँगे? और क्या पूरे देश में इसे लागू करना इतना आसान है?
श्रम सुधार: मार्च तक राज्य तैयार कर लेंगे कोड नियम का मसौदा?
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- 29 Dec, 2024
क्या श्रम सुधारों वाले चार कोड अगले साल तक लागू हो पाएँगे? क्या राज्य ऐसा समय पर कर पाएँगे? जानिए, केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने क्या कहा है।

श्रम मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में क्या कहा गया है, यह जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर श्रम सुधार क्या है और इसमें क्या अड़चनें आ सकती हैं। दरअसल, श्रम कानून संविधान की समवर्ती सूची में आते हैं। इसलिए, केंद्र और राज्य दोनों को नियम बनाने का अधिकार है। लेकिन राज्य और केंद्रीय कानूनों के बीच टकराव की स्थिति में, केंद्रीय कानून को आम तौर पर प्राथमिकता दी जाती है, जब तक कि राज्य के कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी न मिली हो।