जलियाँवाला बाग़ स्मारक जीर्णोद्धार के तौर-तरीक़ों के लिए मोदी सरकार के ख़िलाफ़ लोग बरस रहे हैं। इरफान हबीब जैसे ख्यातनाम इतिहासकार से लेकर राहुल गांधी जैसे विपक्ष के नेता तक सरकार की आलोचना कर रहे हैं। किसी ने 'शहीदों का अपमान' बताया तो किसी ने 'स्मारकों का कॉपोर्रेटाइजेशन' करार दिया। किसी ने कहा- जिसने कभी आज़ादी के लिए संघर्ष नहीं किया वह उन्हें कैसे समझ सकता है।'
जलियाँवाला बाग़ जीर्णोद्धार पर मोदी सरकार चौतरफा क्यों घिरी?
- देश
- |
- 31 Aug, 2021
जलियाँवाला बाग़ स्मारक के जीर्णोद्धार में मोदी सरकार ने ऐसा क्या कर दिया कि उसकी चौतरफा आलोचना की जा रही है? इसने ऐसा क्या कर दिया कि उसे शहीदों का अपमान करने वाला बताया जा रहा है?

जालियाँवाला बाग स्मारक जीर्णोद्धार।
दरअसल, उनका ग़ुस्सा जलियांवाला बाग़ के जीर्णोद्धार को लेकर है। यह जलियाँवाला बाग वही है जहाँ 102 साल पहले 1,000 से अधिक भारतीय मारे गए थे। जनरल डायर ने अपने आदमियों को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे हज़ारों पुरुषों और महिलाओं पर गोली चलाने का आदेश दिया था। यह घटना भारतीय इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक में दर्ज है। इस स्थल का ऐसा जीर्णोद्धार किया गया है कि लोगों का ग़ुस्सा उबल रहा है। सबसे ज़्यादा आलोचना हाई-टेक दीर्घाओं को लेकर है। यह हाई टेक दीर्घा वही मार्ग पर है जिससे जनरल डायर व इसके आदमी गुजरे थे और हजारों लोगों पर गोलियाँ चलाई थीं।