loader

एक साथ चुनाव जनता व देश हित में, दलों का कोई लेना-देना नहीं: कोविंद

'एक देश, एक चुनाव' पर सरकार द्वारा नियुक्त उच्च स्तरीय समिति के प्रमुख और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसके फायदे गिनाए हैं। उन्होंने कहा है कि इससे लोगों का फायदा होगा और यह देश हित में भी है। कोविंद ने कहा कि इस प्रक्रिया में चुनाव में जो पैसे की बचत होगी, उसका इस्तेमाल विकास कार्यों के लिए किया जा सकता है।

पूर्व राष्ट्रपति 'एक देश, एक चुनाव' के पक्ष में राय बनाने के लिए अब तक कई बैठकें कर चुके हैं। उच्च स्तरीय समिति की बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन के सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष सी कश्यप और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी शामिल हो चुके हैं। लोकसभा में कांग्रेस के नेता और समिति में विपक्ष की अकेली आवाज अधीर रंजन चौधरी ने इसका हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था। उन्होंने अमित शाह को पत्र लिखकर यह बताया था। उन्होंने इस प्रयास को एक धोखा क़रार दिया था। 

ताज़ा ख़बरें

एक देश एक चुनाव से मतलब है कि पूरे देश में संसद से लेकर पंचायत तक एक साथ चुनाव कराया जाए। केंद्र सरकार ने 2 सितंबर को घोषणा की थी कि उसने लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए एक साथ चुनाव कराने के लिए जांच करने और सिफारिशें करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। 

समिति मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दलों, राज्यों में सरकारों वाले दलों, संसद में अपने प्रतिनिधियों वाले दलों, अन्य मान्यता प्राप्त राज्य दलों से देश में एक साथ चुनाव के मुद्दे पर सुझाव और उनकी राय जानना चाह रही है। कानून मंत्रालय के एक बयान में कहा गया था कि समिति एक साथ चुनाव के मुद्दे पर अपने सुझाव और दृष्टिकोण के लिए विधि आयोग को भी आमंत्रित करेगी।

बहरहाल, इसी मुद्दे पर पूर्व राष्ट्रपति ने अपनी बात कही है। रायबरेली में पत्रकारों से बात करते हुए कोविंद ने कहा, 'हम सब से अनुरोध कर रहे हैं कि आप हमें सकारात्मक अपना सहयोग इसमें दीजिए, क्योंकि इस देश का हित है। इसमें किसी भी राजनीतिक दल का कोई लेना देना नहीं है। एक उदाहरण हम आपको देते हैं... ये प्रथा अगर लागू होती है तो उसका जो भी केंद्र में राजनीतिक दल, सत्ता-धारी दल होगा, उसको फायदा होगा। वो चाहे बीजेपी हो, चाहे कांग्रेस हो, ये दूसरा राजनीतिक दल हो। इसमें किसी प्रकार का भेदभाव नहीं है। और उससे बड़ा जो फ़ायदा होने वाला है, वो आम जनता को होने वाला है। जितना राजस्व आएगा, उतनी बचत होगी, वो आपके विकास कार्यों में लग सकता है।'
कोविंद की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब उच्च स्तरीय समिति ने 25 अक्टूबर को अपनी दूसरी और सबसे हालिया बैठक में भारत के विधि आयोग के प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद राजनीतिक दलों से टिप्पणियां मांगी हैं।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि उन्होंने सभी राष्ट्रीय दलों से उनके सुझाव मांगे हैं, और हर दल ने किसी न किसी बिंदु पर एक साथ चुनाव के विचार का समर्थन किया है। कोविंद ने कहा कि इस मुद्दे की संसदीय स्थायी समिति, नीति आयोग और चुनाव आयोग ने जांच की है।
देश से और ख़बरें

उन्होंने कहा, 'कई समितियों की रिपोर्ट आई है, जिसने उन्हें कहा है कि देश में एक देश, एक चुनाव की जो परंपरा है वो फिर लागू होनी चाहिए।' 

लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के लिए एक साथ चुनाव कराने के लिए जांच करने और सिफारिशें करने के लिए क़ानून मंत्रालय द्वारा 2 सितंबर को उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था। इसकी अब तक दो बैठकें हो चुकी हैं- 23 सितंबर और 25 अक्टूबर को। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें