एक दौर में जासूसी उपन्यास मैंने ख़ूब पढ़े। इन उपन्यासों से भी मुझे सामान्य ज्ञान के पहले सबक़ मिले। ओमप्रकाश शर्मा के उपन्यासों को पढ़कर मैंने शीत युद्ध की राजनीति का पहला व्याकरण जाना। उनके उपन्यासों में भारत और रूस के जासूस एक तरफ़ होते थे और अमेरिका, चीन-पाकिस्तान के दूसरी तरफ़। युगांडा के ईदी अमीन के बारे में मैंने ऐसे ही जासूसी उपन्यास में पढ़ा- कर्नल गद्दाफी के बारे में भी।