‘द इकोनॉमिस्ट’, एक प्रतिष्ठित समाचार पत्रिका है। इसने हाल ही में एक रिपोर्ट छापी है जिसमें एक देश के प्रमुख की तरफ़ इशारा करते हुए बताया गया था कि वह किस प्रकार अपनी पार्टी या ख़ुद के ख़िलाफ़ की गयी किसी भी आलोचना के ख़िलाफ़ बदले की कार्रवाई करते हैं। इस पत्रिका ने एक घटना का हवाला देते हुए लिखा है कि कुछ समय पूर्व एक आलोचक ने उक्त प्रमुख के बारे में बात करते हुए कहा था कि वह व्यक्ति अपने नए कपड़े दिखाने वाला सम्राट नहीं, बल्कि एक नग्न मसख़रा है। इसके तुरंत बाद, उक्त आलोचक को भ्रष्टाचार के आरोप में 18 साल जेल की सजा सुना दी गई।
चिथड़ों में उड़ती छवि को बचाने की कोशिश में एक सम्राट
- विचार
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- 27 May, 2021

लोकतंत्र में तानाशाही व्यवस्था को उभरने से रोकने के लिए एक स्वतंत्र प्रेस, वाणी की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आज़ादी का अधिकार अनिवार्य है। लोकशाही पर तानाशाही हावी न हो इसके लिए नागरिकों को भी सतर्क रहने की ज़रूरत है। अगर जन प्रतिनिधि लोकतान्त्रिक मूल्यों में गिरावट को समर्थन देते हैं तो यक़ीनन यह एक आपराधिक प्रवृत्ति है।
‘द इकोनॉमिस्ट’ में जिस राष्ट्र प्रमुख का ज़िक्र किया गया था, वह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग है। लेकिन उपरोक्त कहानी को पढ़ने के समय आपको यह सोचने के लिए माफ़ किया जा सकता है कि ये ‘सम्राट’ आपके बहुत क़रीब है।
भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी डॉ. अजय कुमार कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। वह समसामयिक विषयों पर लिखते रहते हैं।