मुझे हाल ही में दुनिया के महानतम क्रिकेटर सर डोनाल्ड ब्रैडमैन के बारे में एक दिलचस्प क़िस्सा सुनने का मौक़ा मिला। लेकिन, यह क़िस्सा 'द डॉन' की महान बल्लेबाज़ी से संबंधित नहीं बल्कि एक खेल प्रशासक के रूप में ब्रैडमैन के अद्भुत निर्णय से संबंधित है। बात 1971-72 की है। दक्षिण अफ़्रीका की टेस्ट क्रिकेट टीम का ऑस्ट्रेलिया का दौरा प्रस्तावित था। सर डोनाल्ड ब्रैडमैन के सामने एक बहुत बड़ा सवाल यह था कि क्या ऑस्ट्रेलिया दौरे पर आने वाली रंगभेदी दक्षिण अफ़्रीका की टेस्ट क्रिकेट टीम पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।
एक आंतरिक मामला या एक अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी?
- विचार
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- 10 Feb, 2021

देश की कुछ मशहूर हस्तियों और खेल सितारों को अगर ‘आंतरिक मामले’ और ‘अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी’ के बीच के बुनियादी अंतर को समझने की अच्छी क्षमता होती तो उनका स्टैंड इन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ कुछ और होता और वे आंतरिक मामले की आड़ में विश्व भर में उठ रही लोकतंत्र समर्थक आवाज़ों की आलोचना नहीं करते।
शुरू में ब्रैडमैन का विचार था कि खेल और राजनीति को अलग रखा जाना चाहिए और टेस्ट सीरीज़ को शेड्यूल के अनुसार आगे बढ़ने देना चाहिए। लेकिन ब्रैडमैन ने क्षणिक भावनाओं में बहकर आसान निर्णय लेने के बजाय मुद्दे की तह में जाने के लिए दक्षिण अफ़्रीका की यात्रा की तथा तत्कालीन दक्षिण अफ़्रीकी प्रधानमंत्री जॉन वर्स्टर से मिले। प्रधानमंत्री जॉन वर्स्टर हिटलर के प्रशंसक थे।
भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी डॉ. अजय कुमार कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। वह समसामयिक विषयों पर लिखते रहते हैं।