मद्रास उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश वीके ताहिलरमानी के तबादले को लेकर उठे विवाद और शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश जे. चेलामेश्वर के बाद न्यायाधीश मदन बी. लोकुर के बयान से अब ऐसा लगने लगा है कि उच्चतम न्यायालय की कॉलीजियम में सबकुछ ठीक नहीं है। ये दोनों न्यायाधीश अपने कार्यकाल के दौरान कॉलीजियम के सदस्य रह चुके हैं। कॉलीजियम की कार्यशैली को लेकर उठ रही आवाज़ों को देखते हुए ज़रूरी है कि इसमें उचित सुधार किए जाएँ, लेकिन यह काम कोई बाहरी व्यक्ति या संस्था नहीं कर सकती है।
सुप्रीम कोर्ट: कॉलीजियम की कार्यशैली से न्यायपालिका में बेचैनी
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- 18 Sep, 2019

उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के तबादले और उच्चतम न्यायालय में उनकी पदोन्नति के लिये कॉलीजियम की कार्यशैली पर अब न्यायपालिका के अंदर से ही आवाज़ें उठने लगी हैं।