कोरोना महामारी पूरी दुनिया में फैली हुई है। भारत भी इससे जूझ रहा है। पूरे देश में तालाबंदी है। बाज़ार बंद हैं, यातायात बंद है, दूसरे सामाजिक उपक्रम बंद हैं और विश्वविद्यालय जैसे दूसरे सामाजिक प्रतिष्ठान भी बंद हैं। पिछले एक महीने में मानव संसाधन विकास मंत्रालय एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने भारत के विश्वविद्यालयों को जो निर्देश दिए हैं उन्हें देख कर लगता है कि इस ‘कोरोना काल’ में उच्च शिक्षा को प्रतिबद्धता एवं कर्तव्यनिष्ठता के नाम पर त्रासद प्रहसन में बदल दिया गया है।