जो लोग न्याय और बराबरी के आदर्शों में यक़ीन रखते हैं उनके लिए अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों, की माली हालत गंभीर चिंता का विषय है। भारत में इस्लाम सातवीं सदी में अरब व्यापारियों के साथ मलाबार तट के रास्ते आया। तब से बड़ी संख्या में हिन्दुओं ने इस्लाम अपनाया है। मगर इनमें से ज़्यादातर लोग वे थे जो हिन्दू धर्म में जातिगत दमन के शिकार थे और आर्थिक रूप से वंचित थे। जिसे हम मुग़लकाल कहते हैं उसमें मुस्लिम बादशाह दिल्ली और आगरा से राज भले ही करते थे मगर उनके राज से समाज के ढाँचे पर कोई खास असर नहीं पड़ा। अधिकांश ज़मींदार हिन्दू थे और वे अत्याचार करने के मामले में ग़रीब मुसलमानों और ग़रीब हिन्दुओं के बीच कोई भेदभाव नहीं करते थे।