देश में लॉकडाउन को लगे क़रीब दो महीने हो रहे हैं। इन दो महीनों में क्या कोरोना से लड़ाई में देश जीता या हारा, यह सवाल उठना चाहिये। साथ ही यह भी सवाल पूछा जाना चाहिये कि प्रधानमंत्री ने 21 दिनों में कोरोना को हराने का जो वचन देश को दिया था, उस वचन का क्या हुआ? क्या आज देश 24 मार्च से ज़्यादा सुरक्षित महसूस कर रहा है या फिर संकट बढ़ गया है? और अगर संकट बढ़ा है तो क्यों और कौन इसके लिये ज़िम्मेदार है?