( यह आलेख मैंने डेढ़ माह पूर्व 14 जुलाई 2023 को लिखा था। संपादित अंशों के साथ पुनः जारी कर रहा हूँ। संसद का पाँच-दिवसीय विशेष सत्र महत्वपूर्ण घोषणाओं के लिए 18 से 22 सितंबर तक आयोजित किया जा रहा है। चर्चा है कि संशोधित ‘महिला आरक्षण विधेयक’ इसी विशेष सत्र में प्रस्तुत किया जा सकता है। संसद का यह सत्र देश के जीवन में बड़ी उथल-पुथल मचाने वाला साबित हो सकता है। आलेख में लिखी बातें संदर्भ के लिए काम आ सकती हैं।)
किसने कह दिया मोदी हार जाएँगे और सत्ता छोड़ देंगे?
- विचार
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- 1 Sep, 2023

नए संसद भवन में लोकसभा में बैठने के लिए सीटों की संख्या 543 से बढ़ाकर 888 और राज्य सभा की 245 (250) से बढ़ाकर 384 करने के पीछे मंतव्य क्या हो सकता है?
बहस बंद कर देना चाहिए कि लोकसभा की 543 सीटों के लिए होने वाले चुनावों में अगर भाजपा को बहुमत प्राप्त नहीं होता है तो मोदी सत्ता से बाहर हो जाएँगे और विपक्ष की सरकार दिल्ली में क़ाबिज़ हो जाएगी। जनता को विपक्ष से उसके पीएम चेहरे का नाम-पता पूछना हाल-फ़िलहाल के लिए बंद कर देना चाहिए।
‘मोदी सत्ता नहीं छोड़ेंगे’ के सिलसिले में जनता को दो-चार घटनाक्रमों पर बारीकी से बहस प्रारंभ कर देना चाहिए। पहली तो यह कि महत्वाकांक्षी ‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना के दूसरे कामों को रोक सबसे पहले नया संसद भवन तैयार करवाने के पीछे कोई तो ज़बर्दस्त कारण रहा होगा! वह क्या था? दूसरे यह कि देश का ध्यान इतनी चतुराई के साथ पवित्र ‘सेंगोल’ अथवा ‘राजदंड’ विवाद में जोत दिया गया कि किसी ने पूछा ही नहीं कि नए संसद भवन में लोकसभा में बैठने के लिए सीटों की संख्या 543 से बढ़ाकर 888 और राज्य सभा की 245 (250) से बढ़ाकर 384 करने के पीछे मंतव्य क्या हो सकता है? इन बढ़ी हुई सीटों का 2024 के चुनावों से क्या संबंध माना जाए?