19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत के कई वर्षों तक प्लेग ने देश के कई नगरों, महानगरों में कहर ढाया था। लेकिन हर जगह उसका असर अलग-अलग था। यह बहुत कुछ इस पर भी निर्भर था कि शहर, उसके लोगों और वहां के संगठनों ने महामारी पर कैसी प्रतिक्रिया दी। इस दौरान देश के दो महानगरों मुंबई और कोलकाता में जो फर्क दिखा, आज के कोरोना काल में उससे बहुत कुछ सीखा जा सकता है।