पालघर में पिछले दिनों गाँववालों द्वारा दो साधुओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई और कुछ लोगों की शिकायत है कि इस घटना की उतनी निंदा क्यों नहीं की जा रही जितनी दादरी (अख़लाक़) या दूसरे मामलों की गई थी। उनकी शिकायत है कि इस मामले को भी उतना क्यों नहीं उछाला जा रहा है जितना उन दूसरे मामलों को उछाला गया था जिनमें मरने वाले मुसलमान थे।