स्टीव जॉब्स, एप्पल कंप्यूटर के संस्थापकों में से एक थे। उन्हें आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी और नव-संचार के क्षेत्र के महानतम विचारकों में से एक माना जाता है। उनसे जुड़ी कहानियाँ, उनके विचार और उनके उद्धरण दुनिया भर में काफ़ी लोकप्रिय हैं। उनका एक उद्धरण आज भी बेहद लोकप्रिय है कि ‘आप आगे देखकर बिन्दुओं को परस्पर जोड़ नहीं सकते; उन्हें जोड़ने के लिए आपको पीछे देखना ही होगा।’
जनता की आवाज़ दबाने वाली सरकारों से देश का विनाश!
- विचार
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- 17 Mar, 2021

आम जनता के अभिव्यक्ति के अधिकार को नियंत्रित करने की मंशा से बीजेपी सरकार ने ‘सोशल मीडिया’ और समस्त डिजिटल प्लेटफॉर्म को नियंत्रित करने की कोशिश की है। जनता की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को नियंत्रित करने वाले सरकार द्वारा जारी ये ‘नियंत्रणकारी दिशा-निर्देश’ फ़ेसबुक, और वाट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर पोस्ट की गई सामग्री पर अधिक नियंत्रण रखने की कोशिश करते हैं।
जॉब्स का यह उद्धरण लोगों को उनके वर्तमान संघर्षों के साथ दृढ़ रहने के लिए प्रेरित करना है; तथा उन्हें यह विश्वास दिलाता है कि वर्तमान के ये संघर्ष भविष्य में अपनी अपनी प्रासंगिकता सिद्ध करेंगे। दूसरे शब्दों में अतीत के कर्म निश्चित रूप से भावी परिणाम की रूप-रेखा निर्धारित करते हैं। लेकिन, स्टीव जॉब्स का यह उद्धरण दुनिया भर की कई लोकतांत्रिक सरकारों के पतन की प्रक्रिया और नागरिक स्वतंत्रता को धीरे-धीरे सीमित कर तानाशाह राज्य बनने की प्रक्रिया की तरफ़ भी इशारा करता है।
एक लोकतान्त्रिक राज्य का तानाशाही राज्य में बदलना रातोंरात नहीं होता, बल्कि सरकार के द्वारा सुनियोजित तरीक़े से धीरे-धीरे लोकतान्त्रिक मूल्यों का हनन और जनता के अधिकारों में कटौती एक तानाशाही राज्य की रूप-रेखा तैयार करती है।
भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी डॉ. अजय कुमार कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। वह समसामयिक विषयों पर लिखते रहते हैं।