जिस फ़ेसबुक पर नफ़रत फैलाने वाला, भड़काऊ और विभाजनकारी सामग्री को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं उसके बारे में एक और चौंकाने वाली रिपोर्ट आई है। नये दस्तावेजों में यह सामने आया है कि जब फ़ेसबुक पर ऐसी नफ़रत वाली सामग्री बढ़ रही थी तो वह ऐसी सामग्री को रोकने के लिए होने वाले ख़र्च में कटौती कर रहा था। फ़ेसबुक के ही दस्तावेजों के आधार पर उठाए गए इन सवालों के जवाब में कंपनी ने कहा है कि उसने नफ़रत वाली सामग्री को रोकने के लिए और ज़्यादा क़दम उठाए हैं और ऐसी तकनीक को भी बढ़ावा दिया है जिससे नफ़रत बढ़ाने वाली सामग्री को अंदरूनी सिस्टम भी खुद ही तुरत हटा दे।