बेमेतरा जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर स्थित बिरनपुर गांव में आठ अप्रैल को स्कूली बच्चों के बीच झगड़े के बाद कथित तौर पर बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी।
नीतिश कुमार ने कहा कि हिंसा की पूरी योजना पहले से बनाई गई थी, और इसके लिए सासाराम शहर इसलिए चुना गया क्योंकि अगले रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह वहां जाने वाले थे।
रामनवमी समारोह के दौरान हावड़ा में हुई हिंसा के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने शुक्रवार को मामले की जांच आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को सौंप दी। सीआईडी के पुलिस महानिरीक्षक सुनील चौधरी के नेतृत्व में एक विशेष टीम ने जांच शुरू कर दी है।
रामनवमी के बढ़ते उत्साह के साथ इसमें निकाले जाने वाले जुलूस और धार्मिक यात्रायें एक समुदाय के खिलाफ नफरत के प्रचार का भी औजार बनता जा रही हैं। यही वजह कि जुलूस के दौरान होने वाली सांप्रदायिक हिंसा की खबरें भी बढ़ती जा रही हैं।
कर्नाटक में हेट स्पीच देने वालों और दंगाइयों पर से केस वापस लिए जा रहे हैं। इनमें सभी आरोपी हिन्दू संगठनों से जुड़े हुए हैं। इंडियन एक्सप्रेस ने तमाम मामलों की पड़ताल की है।
जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाने के मामले में हुई तोड़फोड़ या सांप्रदायिक हिंसा की तमाम घटनाओं को लेकर हिंदुओं और मुसलमानों के एक बहुत बड़े तबके ने क्या चुप्पी साधी हुई है?
इतिहास में हमेशा ऐसे लोग हुए हैं जो अन्याय को पहचान सके हैं। जो हिंसा के स्रोत तक पहुँच पाते हैं। ऐसे लोगों को आप चाहे तो न्याय का समुदाय या इंसाफ़ की बिरादरी कह सकते हैं।