चुनावी बांड और चुनाव की तारीखों के ऐलान के शोर में भाजपा-आरएसएस के उस खतरनाक इरादे की चर्चा दबकर रह गई है कि यह दक्षिणपंथी गिरोह अभी भी अपनी पुरानी हसरत यानी संविधान बदलने की कोशिश पर कायम है। भाजपा सांसद अनंत हेगड़े तो एक हथियार हैं, जिन्हें इस मौके पर इस्तेमाल किया गया। स्तंभकार और वरिष्ठ पत्रकार वंदिता मिश्रा क्या कहना चाहती हैं, समझिएः