देश की राजधानी और भारत के शीर्ष दस विश्वविद्यालयों में शामिल जेएनयू जैसे विश्वविद्याल में भी अपहरण की कोशिश की घटना कैसे हो जाती है? जानिए, घटना के बाद प्रशासन ने क्या कहा।
मौजूदा सरकार यूनिवर्सिटी कैंपस में भी आजादी पसंद नहीं है। दिल्ली यूनिवर्सिटी में घटी दो घटनाओं के हवाले से इस स्तंभ के लेखक और नामी विचारक अपूर्वानंद बता रहे हैं कि सरकार किस रह कैंपस को विचारविहीन बनाने पर तुली है।
जेएनयू की वाइस चांसलर शांतिश्री डी. पंडित ने कहा कि मैं एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की वजह से हुबली में हूं और मुझे इस तरह के किसी भी सर्कुलर की जानकारी नहीं थी।
दस पन्नों के ‘जेएनयू के छात्रों के लिए अनुशासन के नियम और उचित आचरण' में विरोध प्रदर्शन और जालसाजी जैसे विभिन्न कार्यों के लिए सजा निर्धारित की गई है और अनुशासन का उल्लंघन करने पर संबंधित जांच प्रक्रिया का भी जिक्र किया गया है।
छात्रसंघ अध्यक्ष आयशी घोष ने ट्विट कर बताया कि झगड़े के बाद एबीवीपी के सदस्यों ने कैंपस परिसर में लगी पेरियार, भगत सिंह, बाबा साहेब अंबेडकर, कार्ल मार्क्स, ज्योतिबा और सावित्रीबाई फुले और सहित कई हस्तियों की तस्वीरों को तोड़ दिया। उन्होंने जेएनयूएसयू कार्यालय के अंदर की दीवारों में भी तोड़फोड़ की है
बीबीसी डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर देश में जगह-जगह रस्साकशी शुरू हो गई है। भारत सरकार द्वारा इस पर रोक लगाने के बावजूद यह सोशल मीडिया पर खूब शेयर की जा रही है। हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में कुछ छात्रों ने स्क्रीनिंग की। जेएनयू में भी कुछ छात्र आज मंगलवार रात 9 बजे इसकी स्क्रीनिंग करने वाले हैं।
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) का माहौल फिर बिगाड़ने की कोशिश शुरू हो गई है। आपत्तिजनक जातिवादी नारों के खिलाफ अब कम्युनिस्टों को टारगेट करते हुए आपत्तिजनक नारे लिखे गए हैं। उनकी तुलना आतंकी संगठन से की गई है। जानिए पूरा घटनाक्रमः
जेएनयू में जातिवादी नारे लिखे गए, इसके बाद दक्षिणपंथी और वापमंथी छात्र गुटों के बीच टकराव की नौबत आ गई है। दोनों ने एक दूसरे पर ऐसे नारे लिखने का आरोप लगाया। जेएनयू में ऐसी घटनाएं आए दिन हो रही हैं और इसकी आड़ में दोनों पक्षों के छात्रों में संघर्ष होता है। पढ़िए पूरी रिपोर्टः
जेएनयू कैंपस में छात्र नेता आफरीन फातिमा के समर्थन में प्रदर्शन किया और यह सिलसिला देर रात तक चला। यूपी भवन पर सोमवार को जेएनयू छात्र संघ ने फातिमा के समर्थन में फिर प्रदर्शन आयोजित किया है। जेएनयू अब पूरी तरह आफरीन के समर्थन में आ गया है।
भुखमरी, हिंसा, अपराध, गरीबी और व्यवस्था का अत्याचार झेलने वाले समुदाय से आने वाले बच्चों के लिए क्या जेएनयू और यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफोर्निया तक का सफर क्या इतना आसान है? जानिए जेएनयू स्कॉलर सरिता माली की कहानी।
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश फिर से की जा रही है। आज सुबह यूनिवर्सिटी के गेट पर भगवा जेएनयू के पोस्टर, बैनर और झंडे लगे हुए मिले।
जेएनयू की नई वीसी शांतिश्री धुलीपुड़ी पंडित ने कहा है कि कई लोग उनके इस पद पर चयन के बाद नाखुश हैं क्योंकि वह पहली महिला वीसी हैं। उन्होंने ट्विटर अकाउंट होने की बात से साफ इनकार किया है।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । JNU की नई VC का नोट निरक्षरता की प्रदर्शनी: वरुण गांधी । यूपी के युवकों ने बीजेपी का घोषणापत्र किया खारिज, कहा - जुमलापत्र है