किसी समाज या देश में नफ़रत की क्या ज़रूरत है? क्या बिना किसी वजह के नफरत घोली जा सकती है? जानिए हिंदू मुसलिम के बीच अंग्रेजों ने कैसे जहर घोला था और गांधी जी ने इससे कैसे लड़ाई लड़ी।
महात्मा गांधी ने हमेशा हिंदू-मुसलिम एकता की वकालत की। इसी वजह से उनको अपनी जान गँवानी पड़ी। लेकिन गांधी के सपने को क्या सांप्रदायिक नफ़रत से तोड़ने की कोशिश की जा रही है? द कश्मीर फाइल्स फिल्म को कैसे देखा जाएगा?
महात्मा गांधी का यह देश है और गुजरात उनकी जन्मभूमि। लेकिन उसी गुजरात में सत्य और अहिंसा के पुजारी गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का महिमामंडन क्यों किया जा रहा है?
परन्तु कल तक गाँधी की हत्या का शोक मनाने वाले आज हत्यारे गोडसे का गुणगान करने वालों की पंक्ति में जा खड़े होंगे, यह संभवतः हमारे ही देश की अवसरवादी व विचारविहीन राजनीति का दुर्भाग्य है।
महात्मा गांधी के नाम से किसे डर है और क्यों कुछ लोग उनके विचारों को खत्म कर देना चाहते हैं। लेकिन खत्म होने के बजाय गांधी के विचारों का प्रकाश सारी दुनिया में हो रहा है।
धर्म संसद जैसे आयोजनों में खुलेआम हत्या और नरसंहार के लिए प्रोत्साहित क्यों कर रहे हैं। क्यों ऐसे लोग महात्मा गांधी को गालियाँ दे रहे हैं और उनके हत्यारे गोडसे की तारीफ़ कर रहे हैं?
कंगना रनौत देश की आज़ादी को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद उन्होंने महात्मा गांधी पर हमला किया है। कंगना ने गांधी जी के अहिंसा के मंत्र का मजाक उड़ाते हुए कहा है कि दूसरे गाल को भी आगे कर देना भीख है न कि आज़ादी।
जवाहरलाल नेहरू का जिस्म भले ही नहीं रहा हो, लेकिन वह एक लड़ाई अभी भी लड़ रहे हैं। वह लड़ाई क्या है यह कंगना के उस बयान से भी पता चलता है जिसमें उन्होंने कहा है कि आज़ादी 1947 में नहीं बल्कि 2014 में मिली है।
एक धोती और लाठी के साथ पूरी ज़िंदगी चलने वाले महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम के पनरुद्धार के लिए सरकार ने 1200 करोड़ रुपये क्यों आवंटित किए हैं? क्या इससे गांधी जी वाली सादगी बची रह जाएगी?
राजनाथ सिंह ने यह क्यों कहा कि महात्मा गांधी के कहने पर सावरकर ने अँग्रेज़ों को माफ़ीनामे लिखे थे? क्या इसके लिए कोई तथ्य है या फिर गांधी के विचारों पर हमले का प्रयास है?