महात्मा गांधी की एक प्रेम गाथा थी । जिसे इतिहास के पन्नों में गुम करा दिया गया । सरलादेवी चौधरानी उनका नाम था । गांधी जी उन्हें अपनी आध्यात्मिक पत्नी कहते थे । उनकी तेजस्विता के सब क़ायल थे । अलका सरावगी ने इतिहास के इन दो किरदारों को जीवित करने की कोशिश की है । एक उपन्यास की शक्ल में । गांधी की निजी जिंदगी में क्या ये एक दख़ल है ? या फिर उनके चाहने वालों को ये हक़ है कि वो उनके बारें में सब कुछ जाने ? जानेंगे अलका जी से ।