गांधी ने किसी की हत्या नहीं की। गांधी ने किसी पर लाठी चार्ज नहीं करवाया। उन्होंने आंदोलनकारी विद्यार्थियों को हॉस्टल और लॉज में घुसकर पिटवाया नहीं और न ही आंदोलन करने वालों की कभी संपत्ति कुर्क करवाई। गांधी ने कहीं दंगा नहीं करवाया। उन्होंने किसी धर्म और संगठन को कभी प्रतिबंधित नहीं करवाया। उन्होंने किसी को फांसी पर नहीं चढ़वाया। उन्होंने किसी की संपत्ति नहीं छीनी। वे कभी सत्ता में भी नहीं रहे। उन्होंने न ही कोई हथियार बनाया और न ही किसी के बनाए हथियार का इस्तेमाल किया। उन्होंने किसी को गाली भी नहीं दी, गोली मारने की तो बात ही दूर। बल्कि उन्होंने अपनी लाठी से भी किसी पर हमला नहीं किया। वे तो सांप को मारने की बजाय उसे पकड़कर जंगल में सुरक्षित छोड़ आते थे। उनकी हत्या की जब जब कोशिश हुई तब उन्होंने कभी प्रतिरोध नहीं किया। बल्कि सदैव अपने विरोधी के सामने सीना तानकर खड़े थे। अपनी हत्या का प्रयास करने वाले किसी भी हमलावर पर उन्होंने मुकदमा भी नहीं चलवाया।
मारकर भी गांधी से क्यों डरते हैं हत्यारे?
- विचार
- |
- |
- 29 Mar, 2025

1948 में आज ही यानी 30 जनवरी को नाथूराम गोडसे ने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले महात्मा गांधी की हत्या कर दी थी। जानिए, गांधी से हत्यारे क्यों डरते थे।
आखिर में जब उन्हें गोली मारी गई तब भी उन्होंने कोई प्रतिरोध नहीं किया। बल्कि `हे राम’ कह कर अपने प्राण त्यागे। अगर वे आखिरी बार भी हमलावर की गोली से बच गए होते तो शायद यही कहते कि उस पर कोई मुकदमा न चलाए जाए और माफ़ कर दिया जाए क्योंकि वह नहीं समझ रहा है कि उसने क्या किया है। इसके बावजूद गांधी की शहादत के दिन क्यों उनकी हत्या और हत्यारों के समर्थक सक्रिय हो जाते हैं और विभिन्न मंचों पर अपनी विचारधारा और कृत्य का प्रदर्शन करते हैं? इस साल भी चर्चा है कि `मैंने गांधी को क्यों मारा’ नाम की कोई फिल्म ऑनलाइन रिलीज की जाएगी। अगर फिल्म का दिखाया जाना रोक भी दिया जाए तो सोशल मीडिया पर गोडसे की जयकार करने वाले ज़रूर सक्रिय होंगे।
लेखक महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार हैं।