गांधी ने किसी की हत्या नहीं की। गांधी ने किसी पर लाठी चार्ज नहीं करवाया। उन्होंने आंदोलनकारी विद्यार्थियों को हॉस्टल और लॉज में घुसकर पिटवाया नहीं और न ही आंदोलन करने वालों की कभी संपत्ति कुर्क करवाई। गांधी ने कहीं दंगा नहीं करवाया। उन्होंने किसी धर्म और संगठन को कभी प्रतिबंधित नहीं करवाया। उन्होंने किसी को फांसी पर नहीं चढ़वाया। उन्होंने किसी की संपत्ति नहीं छीनी। वे कभी सत्ता में भी नहीं रहे। उन्होंने न ही कोई हथियार बनाया और न ही किसी के बनाए हथियार का इस्तेमाल किया। उन्होंने किसी को गाली भी नहीं दी, गोली मारने की तो बात ही दूर। बल्कि उन्होंने अपनी लाठी से भी किसी पर हमला नहीं किया। वे तो सांप को मारने की बजाय उसे पकड़कर जंगल में सुरक्षित छोड़ आते थे। उनकी हत्या की जब जब कोशिश हुई तब उन्होंने कभी प्रतिरोध नहीं किया। बल्कि सदैव अपने विरोधी के सामने सीना तानकर खड़े थे। अपनी हत्या का प्रयास करने वाले किसी भी हमलावर पर उन्होंने मुकदमा भी नहीं चलवाया।