इस ‘हिंदू समय’ में कितना हिंदू विचार है और कितना हिंदू विरोध? क्या हिंदुत्व की राजनीति ने हिंदू धर्म के सामने वाक़ई एक गंभीर चुनौती नहीं खड़ी कर दी है? पढ़ें कांग्रेस से जुड़े पंकज श्रीवास्तव की टिप्पणी।
क्या पीएम मोदी लुई 14वें की ‘मैं ही राज्य हूँ’ की नीति पर ही चल रहे हैं। लेकिन पत्रकार पंकज श्रीवास्तव का तो यही कहना है। हालांकि भारत में फ्रांस जैसी स्थितियां नहीं हैं कि यहां क्रांति हो। फिर भी आप इस लेख को पढ़िए क्योंकि वक्त और हालात बदलते देर नहीं लगती।
मणिपुर उस आग में जल रहा है जिसकी चेतावनी डॉ. भीमराव आंबेडकर ने आज़ादी के समय ही दे दी थी। जानिए, उन्होंने क्यों कहा था कि यदि पार्टियाँ धर्म को देश से ऊपर रखेंगी तो हमारी आज़ादी दूसरी बार ख़तरे में पड़ जाएगी।
मणिपुर में महज मैतेई समीकरण की वजह से भाजपा ने वहां के हालात को दांव पर लगा दिया है। पत्रकार पंकज श्रीवास्तव का कहना है कि शासक के लिए प्रजा-प्रजा में भेद नहीं हो सकता। पढ़िए पूरा लेखः
विपक्षी दलों की एकजुटता ने क्या बीजेपी के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है? जानिए, बेंगलुरु बैठक के बाद से बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी पर क्या असर हुआ है।
प्रधानमंत्री मोदी की यूरोपीय देश फ्रांस की यात्रा के दौरान ही इसी देश के स्ट्रासबर्ग स्थित यूरोपीय संसद ने मणिपुर हिंसा को लेकर प्रस्ताव पारित क्यों किया? ऐसा करने से भारत रोकने में सफल क्यों नहीं रहा?
राहुल गांधी की धान रोपने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर क्यों वायरल है और लोग इस पर टिप्पणियाँ क्यों कर रहे हैं? क्या राहुल गांधी की छवि बदली है या लोगों का उनके प्रति नज़रिया बदला है?
मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समान नागरिक संहिता लाने की बात क्यों कह रहे हैं? क्या इसकी ज़रूरत है?
विपक्षी एकता को लेकर क्या आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल गंभीर हैं। उनके हावभाव इसकी गवाही नहीं दे रहे हैं। मोदी की तरह केजरीवाल भी कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देख रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की राजकीय यात्रा पर रवाना हुए हैं तो कई संगठन इसका विरोध कर रहे हैं? जानिए, पीएम मोदी की यात्रा का विरोध कर रहे मानवाधिकार संगठनों की क्या माँग है।
कर्नाटक में भाजपा की हार और 2024 आम चुनाव के मद्देनजर ऑर्गनाइजर में प्रकाशित लेख का विश्लेषण अभी भी जारी है। ऑर्गनाइजर को आरएसएस से जुड़ा अखबार माना जाता है और इनमें प्रकाशित लेख संघ की नीतियों को प्रदर्शित करते हैं। स्तंभकार पंकज श्रीवास्तव ने भी इसका विश्लेषण किया है। पढ़िएः
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आम चुनाव 2024 के लिए विचारधारा का विकल्प पेश कर दिया है। यानी मतदाता या भारत के लोग किस विचारधारा को चुनें- एक तरफ गोडसे की विचारधारा है तो दूसरी तरफ गांधी को मानने वाले सिपाही हैं। पत्रकार पंकज श्रीवास्तव बता रहे हैं कि राहुल ने कैसे इस लड़ाई को बदल दिया हैः
सेंगोल की आलोचना को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भारतीय संस्कृति का अपमान बताया है। जबकि पीएम मोदी ने संसद को लोकतंत्र का मंदिर बताया है। इन्हीं दोनों बातों को आधार बनाते हुए पत्रकार पंकज श्रीवास्तव इसका जायजा ले रहे हैं।