विश्व इतिहास की पहली साम्राज्यवादी शक्ति अँग्रेज़ नहीं थे। इतिहास साम्राज्यों की दास्तानों से भरा पड़ा है। हम सब पुर्तगाली, रोमन, फ्रांसीसी, उस्मानियाई, जर्मन इत्यादि साम्राज्यों की रक्त रंजित दास्तानों से बख़ूबी परिचित हैं, लेकिन यह भी सत्य है कि अँग्रेज़ साम्राज्य एक विशिष्ट स्थान रखता है। यह साम्राज्य ज़्यादा व्यापक स्थायी और निरंतरता लिये था। अँग्रेज़ी साम्राज्य के ज़्यादा टिकाऊ होने का सबसे बड़ा कारण यह था कि उन्होंने साम्राज्य चलाने के काम को एक संस्थागत रूप दिया था। उन्होंने इस काम के लिए दफ़्तरों का जाल-सा बिछा दिया था। साम्राज्य द्वारा की जाने वाली हर गतिविधि की सूचना हासिल की जाती थी और उसे संग्रहित किया जाता था। अँग्रेज़ साम्राज्य पहला साम्राज्य था, जिसने राज-काज से संबंधित तमाम दस्तावेज़ों और काग़ज़ातों को अभिलेखागारों में सुरक्षित रखना शुरू किया। ये सब करने के पीछे उनका पुरानी चीजों के प्रति मोह नहीं था, बल्कि वे इतिहास के इन अनुभवों के माध्यम से वर्तमान को समझना और भविष्य को संचालित करना चाहते थे।
जलियाँवाला: साझी शहादत-विरासत की गौरव गाथा सरकारी बस्तों में बंद!
- विचार
- |
- |
- 13 Apr, 2021

जलियाँवाला बाग़ क़त्लेआम की शहीदों की सूची से यह सच बहुत साफ़ होकर सामने आता है कि बाग़ में हिन्दू, सिख और मुसलमान बड़ी तादाद में मौजूद थे। यह सूरत इस गौरवशाली सच को रेखांकित करती थी कि साम्राज्यवाद विरोधी आंदोलन एक साझा आंदोलन था और अभी मुसलिम राष्ट्र और हिन्दू राष्ट्र के झंडाबरदार हाशिये पर पड़े थे। भारत के लोगों की यह महान जुझारू विरासत, अलमारियों में बंद पड़ी है।