स्व. मधु लिमये आधुनिक भारत के विशिष्टतम व्यक्तित्वों में से एक थे जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और बाद में पुर्तगालियों से गोवा को मुक्त कराकर भारत में शामिल कराने में भी। वह एक प्रतिबद्ध समाजवादी, एक प्रतिष्ठित सांसद, नागरिक स्वतंत्रता के हिमायती, एक विपुल लेखक होने के साथ-साथ ऐसे व्यक्ति थे जिनका सारा जीवन देश के ग़रीब और आम आदमी की भलाई में गुज़रा और उनके लिए वह ताउम्र समर्पित रहे।
स्वतंत्रता सेनानी मधु लिमये जिन्होंने मंत्री पद ठुकरा दिया था
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- 1 May, 2021

गोवा मुक्ति संग्राम के योद्धा मधु लिमये का जन्म आज ही के दिन यानी 1 मई को 1922 में हुआ था।
मधु लिमये देश के लोकतांत्रिक समाजवादी आंदोलन के करिश्माई नेता थे और अपनी विचारधारा के साथ उन्होंने कभी कोई समझौता नहीं किया। ईमानदारी, सादगी, तपस्या, उच्च नैतिक गुणों से संपन्न होने के साथ-साथ, मधु लिमये पर महात्मा गांधी के शांति और अहिंसा के दर्शन का बहुत प्रभाव था जिसका उन्होंने जीवन भर अनुसरण किया और सार्वजानिक जीवन में अपना एक ख़ास स्थान बनाया।